दनियावां-प्रखंड के मुरेडा गांव निवासी बिनोद कुमार चन्द्रवंशी की पुत्री श्वेता कुंमारी जो अपने नानी घर तरौरा रहकर पढ़ाई करती थी। श्वेता बचपन मे दानियावां के दानाड़ा प्राथमिक विद्यालय में पांचवी तक पढ़ाई कर छठवी क्लास से आठवीं तक दानियावां के पिरबढौना मध्य विद्यालय में पढ़ायी की।उसके बाद नौंवी व दशवीं की पढ़ायी दानियावां के तरौरा गांव से सटे नालन्दा जिला के राजकीयकृत उच्य विद्यालय नगरनौसा से बिहार बोर्ड की परीक्षा दी। श्वेता दानियावां के फरीदपुर बाजार में सातवी क्लास से ही श्री राम कोचिंग सेंटर में शिक्षक अर्पित कुमार से कोचिंग की क्लास लेती थी। शिक्षक अर्पित कुमार को पहले से विश्वास था कि श्वेता बिहार में जरूर कोई स्थान लाएगी।उसके बिहार टी 20 में और नालन्दा जिला में चौथा स्थान आने से तरौरा उसके नानी घर और मुरेडा में खुशी का माहौल है।श्वेता पड़कर आगे डॉक्टर बबना चाहती है।उसके नाना सतेंद्र नारायण सिंह,माता सुलेखा देवी दो भाई विवेक औऱ विनीत श्वेता की उपलब्धि पर काफी खुश थे।श्वेता को मिठाई खिलाकर उसके मां -पिता ने हौसला आब्जाई की।
फोटो-श्वेता को 464 अंक लाने पर मिठाई खिलाये माता-पिता।
सभी आदरणीय चन्द्रवंसी गार्जियन,भाइयों एवं माताएं,बहनों एवं युवा साथियों आपको सूचित करना है कि इनदिनों ऐसा देखा जा रहा है कि देश के विभिन्न भागों में चन्द्रवंसी परिवार पर किसी न किसी रूप में आक्रमण बढ़ता जा रहा है। चाहे बलात्कार का मामला हो, हत्या हो, जमीन दखल का मामला हो, मार पिटाई का मामला हो या अन्य कोई ममला के कारण पूरा चन्द्रवंसी समाज आक्रोशित एवं दुखी है। आल इंडिया चन्द्रवंसी युवा एसोसिएशन इनसारी घटनाओं की घोर निंदा करता है एवं अपने चन्द्रवंसी परिवार की सुरक्षा के लिए तत्परता से काम करने के लिए कटिबद्ध है एवं पुरजोर कोशिश कर रही है कि इस तरह की घटनाओं को रोक जाय। लेकिन हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि पानी सर से ऊपर जा रहा है, इसलिए अब एक जनांदोलन की आवश्यकता महसूश हो रही है,जिसके लिए पूरा चन्द्रवंसी परिवार चाहे पदाधिकारी हो या AICYA से जुड़े हुए कोई भी व्यक्ति अपना अपना योगदान इस आंदोलन में देने को तैयार है जिसके माध्यम से पूरा चन्द्रवंसी परिवार समाज पे हो रहे अत्याचार और जुल्म के खिलाफ सरकार और प्राशासन का ध्यान आकर्षित कर सके। अब चन्द्रवंसी समाज के सब्र का इन्तेहाँ हो चुका है, अगर अब हमलोग चुप बैठे रहें तो अत्याचारियों का हौसला बढ़ता जाएगा एवं हमारे परिवार का हौसला टूटेगा और उनके अंदर डर का माहौल व्याप्त होगा , साथ ही साथ हमारे युवाओं के अंदर जो आक्रोश है उसे देखते हुए इसके खिलाफ लामबंद होना होगा हमे अपनी चट्टानी एकता दिखाना होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार की अध्यक्षता में कॉन्फ्रेंस के जरिये एक मीटिंग हुआ जिसमें ये निर्णय लिया गया कि 29 मई 2020 दिन शुक्रवार सुबह 8 से 10 बजे तक पूरे देश का चन्द्रवंसी परिवार अपने पूरे परिवार बच्चे, जवान, बड़े, औरते एवं अन्य के साथ अपने दरवाजे, बालकनी, बरामदा,छत किसी भी जगह पर बैठ कर हाथों में स्लोगन लिखा हुआ तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन का 1 मिनेट का वीडियो, और दो तीन फ़ोटो फेसबुक पे ट्विटर पे सारे सोशल साइट पे अपने अपने ID से जनरल पोस्ट करें। जिससे हमारी एकता की गूंज दूसरे समाज के लोगों तक भी पहुंचे। जिसका रेकॉर्ड बना कर हमलोग अपनी आवाज सरकार एवं प्रशासन तक पहुंचाएंगे। एक बात का ध्यान रहे कि हमारा ये विरोध सरकार के खिलाफ नही बल्कि अत्याचारियों एवं संततियों के खिलाफ है इसलिए कोई भी व्यक्ति काला पट्टा बांध प्रदर्शन ना करें। चुकी ये AICYA का पहला घोषित आंदोलन है इसलिए इसका गूंज पूरे भारतवर्ष में गुंजना चाहिए। अतः आपसभी चन्द्रवंसी परिवार से गुजारिश है कि आप आगे आकर अपने अपने परिवार की सुरक्षा एवं समग्र समाज की स्थापना की योर बढ़ते कदम का साक्षी बनें इसलिए अपना विरोध एवं ताक़त का पुरजोर प्रदर्शन करें।
विरोध प्रदर्शन की तारिक-29/5/2020 समय -सुबह 7 बजे से 10 बजे तक स्लोगन-
1) नबादा एवं जमुई के बलात्कारियों को को फांसी दो फांसी दो। 2) औरंगाबाद के हत्यारों को फांसी दो फांसी दो। 3) चन्द्रवंसीओं पे हमला बन्द कारों बन्द करो। 4) चन्द्रवंसीओं से है गुहार आंदोलन को हो तैयार 5) चन्द्रवंसी एकता जिंदाबाद जिंदाबाद
और भी स्लोगन उपयोग कर सकते हैं अगर आपको सही लगे लेकिन भड़काऊ न हो। चुकी अभी हमलोग समाजिक संस्था के तहत ये आंदोलन कर रहे हैं इसलिए इसे संस्था के नियमों के तहत ही किया जाना चाहिए। आप अपना गुस्सा जरूर दिखाएँ पर सभ्यता के साथ।
निवेदक प्रामोद सिंह चन्द्रवंसी रास्ट्रय संयोजक एवं पूरा AICYA परिवार।
ऑल इंडिया चन्द्रवंशी युवा एसोसिएशन के झारखण्ड प्रदेश संयोजक अमित चन्देल ने आज पोल्डिह पंचायत के बेदौलिया गांव के स्वर्गीय अजय चंद्रवंशी के परिजनों से किया मुलाकात, इस विकट परिस्थिति में हिम्मत से काम लेते हुए परिवार का भरण पोषण करने का हौसला बढाया और कहा कि पुरा चंद्रवंशी समाज आपके दुःख में सम्मिलित हैं, और आने वाले समय में हर संभव मदद किया जाएगा ।अमित चंदेल ने स्वर्गीय अजय चंद्रवंशी के माता पिता व उसकी पत्नी से मिल कर संवेदना प्रकट किया और कुछ सहयोग राशि भी प्रदान किया । विदित हो कि कुछ दिन पहले मृतक अजय चंद्रवंशी महाराष्ट्र से प्रवासी मजदूर के रूप में हुसैनाबाद पहुंचा था हुसैनाबाद के जयप्रकाश चौक पर ही उसकी मौत हो गई थी, मृतक अजय चंद्रवंशी बिलकुल निर्धन परिवार से था, उसके घर में अब कोई कमाने वाला नहीं रहा ।झारखंड प्रदेश के संयोजक अमित चंदेल ने उस परिवार को झारखंड सरकार से मुआवजा दिलाने आश्वासन दिया ।मौके पर , विवेक चंद्रवंसी, सुरज चंद्रवंसी, सोनु, चंद्रवंशी सहित अन्य चंद्रवंशी परिवार थे उपस्थित ।
ऑल इंडिया चंद्रवंशी युवा एसोसिएशन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विजय सिंह कश्यप को मानवाधिकार संगठन के पश्चिम बंगाल के प्रदेश महासचिव नियुक्त किया गया।
इस उपलब्घि पर संगठन के राष्ट्रीय टीम ने फोनकर बधाई दी। पूरा दिन लोग बधाई व शुभकामनाएं संदेश भेजते रहे। नॉर्थ बंगाल प्रभारी राहुल सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि विजय की इस उपलब्धि से समाजिक कार्यों को गति मिलेगी।
दिनांक 15/02/2021 को आॅल इंडिया चंद्रवंशी युवा एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित राजन चंद्रवंशी का जन्मदिन पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूम धाम से मनाया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष के जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए बिहार प्रदेश संयोजक भरत चंद्रवंशी, झारखंड प्रदेश संयोजक अमित चंदेल, दिल्ली प्रदेश संयोजक बलराम चंद्रवंशी, उत्तर प्रदेश संयोजक आनंद सिंह व अन्य प्रदेश पदाधिकारी ने अपने प्रदेश के विभिन्न जिला व पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित किये।
कहीं पर गरीब बच्चों को काॅपी-कलम तो कही पर कैलेंडर-चाॅकलेट का वितरण किया। कहीं पर उनके फोटो के सामने केक काटकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति सम्मान प्रकट किया गया।सभी पदाधिकारियों व सदस्यों ने उनकी दीर्घायु उम्र की प्रार्थना की और समाज में उनके योगदानों को सराहा। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विजय सिंह कश्यप व सिलीगुड़ी टीम ने उनसे मुलाकात कर जन्मदिन मनाया।
दो शब्द – समाजसेवी ई. ब्रजेश चंद्रवंशी – अमित राजन चंद्रवंशी के कलम से
समाजसेवी सोच के अलावे एक लेखक होने के नाते मुझे हमेशा ऐसा एहसास होता रहा कि हमारा इतिहास ही हमें सम्मान दिला सकता है क्योंकि आज अगर हम खुद को चंद्रवंशी या जरासंध वंशी कह पाते है तो इसका प्रमाण- ग्रंथ और जरासंध धरोहर आदि है। इसलिए हमेशा मैं उन चीजों की बात किया समाज में किया करता था। मेरी प्राथमिकता चंद्रवंशी से जुडी सभी धरोहरों को संरक्षित करना ही रहा।
2017 की बात है। एक वाह्टस एप ग्रुप में एक नये सदस्य का मैसेज देखा जिसने बडी ही बेबाकी से अपनी बात रखी और सभी सदस्यों को मोटिवेट करने के उद्येश्य से एक फिल्म (सत्या-2) देखने की बात कही। वैसे भी मैं अलग-अलग देशों कीखास और महत्वपूर्ण फिल्मों को ढूंढकर देखनेका शौकिन रहा हूँ, इसलिए उत्सुकतावश मैंने फिल्म देखी। वह फिल्म मुझे ज्यादा खास तो नहीं लगी लेकिन एक बात मुझे लगा कि इस बंदे में कुछ तो बात है। उन दिनों मैं जरासंध अखाडे को लेकर पुराने समाजसेवियों से बातचीत करता रहता था, लेकिन कुछ खास सहयोग प्राप्त नहीं हो पा रहा था। मैं एक बात समझ चुका था कि मेरे अभियान में शिक्षित और क्रांतिकारी चंद्रवंशी की ही आवश्यकता है।
फिल्म देखने के बाद मैंने उस नये सदस्य को पूरा परिचय देने के लिए मैसेज किया तो पता चला कि उनका नाम ब्रजेश चंद्रवंशी है और पेशे से एक इंजिनियर है। मुझे जैसे कोई उम्मीद की किरण मिल गयी। क्योंकि एक इंजिनियर में वो खासियत होती है कि बिगडे या बिखरे हुए चिजों को सवारकर नया रूप या ऊर्जा दे सके। उस समय इंजिनियर की आवश्यकता इसलिए थी क्योंकि डिजिटल युग में एक मोबाईल ऐप या बेवसाइट से लोगों को जोड पाना आसान था। उसी ग्रुप में एक और ऊर्जावान सदस्य विशाल भूषण, जिनसे पहले से बातचीत होते आ रही थी, को फोनकर ब्रजेश चंद्रवंशी के बारे में बताया। फिर हम तीन लोगों का एक नया वाह्टस एप ग्रुप बना, जहाँ पर आगे की रणनीति तय होना शुरू हो गया। समय बीतता गया और तैयारियां मजबूत होती गयी। इंजिनियर का दिमाग और टेक्नोलॉजी, एक समाजसेवी और लेखक की विचारधारा और जोशिले व्यक्तित्व युवा के सहयोग ने फेसबुक के माध्यम से नयी क्रांति का आगाज कर दिया और 13 मई 2018 राजगीर में एक सम्मेलन प्रस्तावित किया गया। इस क्रांति की नींव युवाओं द्वारा रखी गयी थी इसलिए लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि युवा सम्मेलन होने जा रहा है। लोगों की लोकप्रियता के आधार पर उस कार्यक्रम को युवा सम्मेलन नाम दिया गया।
युवाओं के पुकार पर देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों से युवा, बुजुर्गों का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ और मीटिंग सफल रही। इस सफलता ने हमारी टीम को नयी ऊर्जा मिली और उसके बाद कभी रूके नहीं। मैंने ब्रजेश चंद्रवंशी में गजब का उत्साह देखा। एक इंजिनियर होने के बावजूद उनकी सहनशीलता औरनिर्भिकता ने मुझे उनका कायल बना दिया। एक-दो बार मैं खुद असमाजिक तत्वों और विपरीत विचारधारा से ऊबकर थोडे समय के लिए खुद को दरकिनार कर लिया लेकिन हरबार ब्रजेश चंद्रवंशी के हौसले, प्रेरणा और अपनापन ने मुझमें जोश भरकर पुनः समाज के लिए उत्साहित कर दिया।आईसा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विजय सिंह कश्यप जैसे शुरूआती क्रांतिवीर सहयोगी और समय-समय पर इस अभियान में अच्छे लोगों का सहयोग मिलता गया। आज ब्रजेश चंद्रवंशी के जुनून का फल है कि चंद्रवंशियों का एक बडा प्लेटफॉर्म ऑल इंडिया चंद्रवंशी युवा के नाम से पूरे भारतवर्ष में लोकप्रियता हासिल कर रहा है जिसे लोग प्यार से AICYA कहकर भी बुलाते हैं।
समाज और संगठन में कई उतार-चढाव को सहते हुए ब्रजेश चंद्रवंशी ने समाज को जो ऊर्जा और नेतृत्व प्रदान किया है, उसे चंद्रवंशी समाज हमेशा याद रखेगा। मैं एक सहयोगी के तौर पर हमेशा ब्रजेश चंद्रवंशी का साथ देता रहूंगा ताकि समाज नयी उडान की गाथा लिखता रहें। मैं ब्रजेश चंद्रवंशी का इसलिए भी समर्थक हूँ क्योंकि उन्होंने जो जोश और विश्वास समाज में स्थापित करने में भूमिका निभाई हैं, उसे मैं कम होने नहीं देना चाहता।
दो शब्द मैं उनके लिए जरूर कहना चाहूंगा-
मत कर परवाह उनकी, जो आज देते है ताना ।
झुका देंगे वही सर, जब आएगा तेरा जमाना ।।
लहरें बुनती है तुफां, फिर भी कश्ती का काम है बहना।